आइए एक क्रिया करते हैं। धातु का बना हुआ एक छड़ी लेते हैं। छड़ी को बीच में पकड़कर उसे clockwise दिशा में घुमाते हैं। यदि छड़ी लंबवत है और हम उसे घड़ी की सुई की दिशा में घुमाते हैं तो छड़ी के ऊपर का हिस्सा दाहिने तरफ और नीचे का हिस्सा बाएँ तरफ जायेगा। छड़ी को जब घुमाते हैं तो उसका एक केन्द्र विंदु होगा जिसके ऊपर का हिस्सा दाहिने तरफ और नीचे का हिस्सा बाएं तरफ जायेगा। हम देखते हैं कि केन्द्र से ऊपर का धातु दाहिने तरफ और नीचे का धातु बाएं तरफ जायेगा।
आईये अब केन्द्र पर अवस्थित धातु कण पर विचार करें। केन्द्र पर स्थित धातु किधर जायेगा ? ऊपर का धातु दाहिने तरफ गया और नीचे का धातु बाएं तरफ गया, परन्तु केन्द्र पर स्थित धातु किधर गया ? कोई कह सकता है कि केन्द्र पर स्थित धातु कहीं नहीं गया बल्कि उसी जगह गोल घूम गया। परन्तु प्रश्न उठता है कि यदि केन्द्र पर धातु का कोई कण है तो उसका भी व्यास होगा और उसका भी ऊपर का हिस्सा दाहिने तरफ तथा नीचे का हिस्सा बाएं तरफ जायेगा। यदि केन्द्र पर स्थित कण है तो उसका भी केन्द्र होगा। उस केन्द्र पर स्थित धातु किधर गया ? यदि केन्द्र पर धातु का कितना हूं छोटा कण होगा तो उसका द्रव्यमान होगा, उसका आयतन होगा, फिर उसका केन्द्र होगा और उस केन्द्र के ऊपर का हिस्सा दाहिने तरफ तथा नीचे का हिस्सा बाएं तरफ जायेगा। परन्तु प्रश्न वहीं के वहीं खड़ा हो जाता है कि केन्द्र पर स्थित धातु किधर गया। चूंकि विंदु की लम्बाई, चौड़ाई और मुटाई नहीं होती अतः हम मान सकते हैं कि केंद्र में कोई धातू नहीं है। और जब केन्द्र में कोई धातु ही नहीं है तो बाएं या दाएं जाने का प्रश्न ही नहीं है। यदि हम दूसरे विंदु को केन्द्र बनाते हैं तो वहां पर भी यही प्रश्न खड़ा होगा और हमें मानना पड़ेगा कि वहां पर भी धातू नहीं है। हम जानते हैं कि धातु के छड़ के किसी भी विंदु को केन्द्र बनाया जा सकता है और हर केन्द्र विंदु पर वही प्रश्न खड़ा होगा और हमें मानना पड़ेगा कि किसी भी केन्द्र विंदु पर धातु नहीं है। यानि कि धातु के छड़ में कहीं भी कोई धातु नहीं है। यानि कि वह छड़ धातु विहीन है। यानि कि वह धातु का छड़ कुछ नहीं है।
धातु की छड़ की तरह हम कोई भी पदार्थ को लेकर यही तर्क दें तो हमें मानना पड़ेगा कि कोई भी पदार्थ कुछ भी नहीं है। हम कह सकते हैं कि ANY THING IS NOTHING AND NOTHING IS EVERYTHING.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें