सोमवार, 5 अगस्त 2024

#वृहद् ब्रह्माण्ड एक नमूना -2

हमारे ब्रह्माण्ड के कई नमूने बड़े-बड़े महापुरुषों एवं संतों तथा बैज्ञानिकों ने दिए हैं. महां विस्फोट से उत्पन्न big -bang  सिन्धांत का नमूना अभी तक वैज्ञानिकों द्वारा कल्पना की गयी सबसे ससक्त नमूना माना जाता है. इस सिधांत के अनुसार , हमारा  ब्रह्माण्ड एक महा विस्फोट से शुरू  हुआ है . तथा विस्फोट के बाद से ही यह फैल रहा है. इस सिधांत के अनुसार हमारा ब्रह्माण्ड कुछ दिनों बाद पुनः सिकुड़ने लगेगा तथा पुनः बिग-बाँग की स्थिति  आएगी तथा पुनः महा विस्फोट होगा.
परन्तु मैं इसे नहीं  मानता .
मैंने ब्रह्माण्ड का एक नमूना का कल्पना किया है जिसे मैंने बृहद ब्रह्माण्ड का नाम दिया है. बृहद ब्रह्माण्ड की जो कल्पना की गयी है उसे मै बाद में लिखूंगा . अभी मै बृहद ब्रह्माण्ड के कुछ रोचक परिणामों को नीचे दे रहा हूँ :-
 हमारा बृहद ब्रह्माण्ड मॉडल ये बताता है कि
१.ये ब्रह्माण्ड कोई महा-विस्फोट से प्रारंभ नहीं हुआ है बल्कि यह बृहद ब्रह्माण्ड से निरंतर आते रहता है तथा पुनः यह उसी में यानि बृहद ब्रह्माण्ड में समां जाता है और यही प्रक्रिया चलते रहती है .
२. हमारा ब्रह्माण्ड शुन्य और अनंत के मध्य ही अस्तित्व में है . शुन्य और अनंत के बाहर हमारे ब्रह्माण्ड का कोई अस्तित्व नहीं है .
३. हमारे ब्रह्माण्ड का कोई भी पिंड गतिशील नहीं है बल्कि यह सिर्फ गतिशील मालूम पड़ते हैं. ठीक उसी प्रकार जिस प्रकार चलचित्र में परदे पर कोई भी चित्र गतिशील नहीं होता , हमें सिर्फ गतिशील मालूम  पड़ते हैं.
४. ब्लैक  होल  हमारे ब्रह्माण्ड का अंग नहीं है बल्कि वह बृहद ब्रह्माण्ड का अंग है . ठीक उसी प्रकार जिस प्रकार एक कुवें का जल वास्तव में समुद्र का अंग है . अन्दर-अन्दर कुवें का जल समुद्र से मिला हुवा है . कुवें में हम कितना हूँ पानी डालते जाएँ तो वह कभी भर नहीं सकता बल्कि अन्दर-अन्दर सागर में  चला जायेगा और सागर का अंग बन जायेगा. उसी प्रकार ब्लैक-होल में हमारे ब्रह्माण्ड के पिंड जाते हैं तो वास्तव में वे बृहद ब्रह्माण्ड में चले जाते हैं और बृहद ब्रह्माण्ड का अंग बन जाते हैं . हमारे ब्रह्माण्ड के बाहर-बाहर बृहद ब्रह्माण्ड है जिसे हम कृष्ण सागर (Black Sea) कह सकते हैं। तथा बीच-बीच में ब्लैक-होल के रूप में कुवें कि तरह बृहद  ब्रह्माण्ड ही है.
५. हमारे ब्रह्माण्ड के पिंड  में गुरुत्वाकर्षण शक्ति , हमारे ब्रह्माण्ड का फैलना एवं ब्लैक-होल की आकर्षण शक्ति ये तीनों एक  ही कारण के परिणाम हैं और वो है बृहद ब्रह्माण्ड द्वारा किया जा रहा खिचाव . हमारे ब्रह्माण्ड  के पिंड छोटे-छोटे कणों के रूप में बृहद ब्रह्माण्ड से आ रहे हैं तथा आपस में मिलकर बड़े आकर के पिंड का रूप धारण कर लेते है तथा पुनः बृहद ब्रह्माण्ड में ही चले जाते हैं . और यही प्रक्रिया चलते रहती है. इसे समझने के लिए वर्षा की बूंद का उदहारण ले सकते हैं . वर्षा का जल समुद्र से छोटे-छोटे कणों यानि वाष्प के रूप में आती है तथा आपस में मिलकर बूंद का रूप यानि बड़े पिंड का रूप धारण करती और अंततः नदियों एवं कुछ कुवों के माध्यम से पुनः सागर में चली जाती है. यही प्रक्रिया चलते रहती है .
बृहद ब्रह्माण्ड का मॉडल  बाद में यानि अगले भाग में........................

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